
खिजरसराय में 29 सतत् जीविकोपार्जन योजना लाभार्थियों को स्वावलंबन प्रमाण पत्र दिया गया
गया, 5 जुलाई 2024, गया जिले के खिजरसराय प्रखंड स्थित जीविका दीदी केंद्र में स्वावलंबन प्रमाणपत्र वितरण समारोह का आयोजन किया गया जिसमें 29 सतत् जीविकोपार्जन योजना लाभार्थियों को स्वावलंबन प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। इस अवसर पर जिला परियोजना प्रबंधक आचार्य मम्मट ने एसजेवाई दीदियों को निर्धनता से अत्मनिर्भरता एवं स्वावलंबन की ओर कदम बढ़ने के लिए शुभकामनाएँ दी। उन्होंने कहा उम्मीद है आप योजना से मिले रोजगार को बढ़ाते हुए स्वावलंबी बानी रहेगीं। आप अपनी आर्थिक स्थिति को और बेहतर करने का प्रयास करेंगी।
प्रखंड विकास पदाधिकारी, खिजरसराय कुमारी सुमन ने एसजेवाई दीदियों को रोजगार बढ़ने के साथ साथ बच्चों को पढ़ाने की अपील की। उन्होंने कहा की आप बच्चों को स्कूल जरूर भेजें। बच्चे पढ़ेंगे तो आगे बढ़ेंगे। तभी आपका पूरा विकास हो सकेगा। प्रबंधक कृषि कौटिल्य कुमार ने उनसे कहा कि यदि आप बकरी पालन कर रही हैं तो सिर्फ वही नहीं करें साथ-साथ अन्य आय के साधन वाले रोजगार भी करें। अपने घर के आसपास साग-सब्जी की खेती करें, मुर्गी पालन करें, मशरूम उगायें। छोटे छोटे प्रयासों से आप अपनी आय बढ़ा सकती हैं। प्रबंधक संचार दिनेश ने उनसे कहा आप बिमारियों से बचाव के लिए स्वच्छता अपनायें, बच्चों को जरूर पढायें और छोटी-छोटी बचत कर अपने व्यवसाय को बड़ा करने का प्रयास करें तभी आपका विकास होगा। इसजेवाई अनुपम जाना ने दीदियों से कहा कि आप अपने व्यवसाय को और आगे बढ़ायें। हम आगे भी परियोजना की राशि से आपको मदद करेंगे। बीपीएम पंकज कुमार ने कई दीदियों के उदाहरण प्रस्तुत किय जिन्होंने अपना जीवन बदला है। उन्होंने आयोजन में भाग लेने के लिए सभी का धन्यवाद किया। कार्यक्रम में जिला एवं प्रखंड के अधिकारीयों सहित जीविका के प्रखंड स्तरीय कर्मियों एवं कैडर ने भी भाग लिया। बंधन के बीआरपी बी कार्यकर्म में उपस्थित थे।
इस स्वावलंबन प्रमाणपत्र वितरण समारोह में उपस्थित एसजेवाई दीदियों में कोई किराना, श्रृंगार, नास्ता दुकान, बकरी पालन, गया पालन आदि का व्यवसाय कर रही हैं। इन्हें गरीबी उन्मूलन के लिए बिहार सरकार द्वारा चलाई गई महत्वकांशी योजना सतत् जीविकोपार्जन योजना के मध्यम से रोजगार जसे जोड़ा गया है।
सतत् जीविकोपार्जन योजना को जीविका के माधयम से संचालित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य अत्यधिक गरीब परिवारों को सतत् आय का सृजन करने वाली परिसम्पत्ति प्रदान करना है। यह योजना देशी शराब और ताड़ी के उत्पादन तथा बिक्री में पारंपरिक रूप से जुड़े परिवारों, जिनकी राज्य में शराबबंदी के बाद आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई है, के लिए शुरू की गई है। इसके तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य समुदायों के लक्षित अत्यंत निर्धन परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान कर रोजगर से जोड़ा जाता है। योजना के माध्यम से निर्धन परिवारों की महिलाओं को चिन्हित कर रोजगार से जोड़ा गया है। जिससे उनके परिवारों का आर्थिक स्थिति मजबूत हो रहा है। इसके साथ ही, यह एक महत्वपूर्ण कदम है जीविका योजना के उद्देश्यों की दिशा में, जो ग्रामीण महिलाओं को स्वायत्तता और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाने का प्रयास कर रही है।
त्रिलोकी नाथ डिस्ट्रिक्ट डिवीजन हेड गया
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